एक छोटी चिड़िया गोल सी गेंद में रहा कर सोचती थी कि दुनिया इतनी छोटी है और बस छोटी है और बस उसमे रहकर बंद हो गोल गोल गोल घुमती रहती और सोचती है .............................(हा हा हा हो हो हो हो .......... देखो मैने दुनिया देख लिया................... देखो मैने दुनिया देख लिया )!
एक दिन बड़ी चिड़िया ने अड़े को फोड़ा तो छोटी चिड़िया ने देखा ऊपर दूर तक खुला असमान और वो तो घोसले में थी
छोटी चिड़िया ने पूछा: तुम कौन हो ?...........
बड़ी चिड़िया ने उसके मुहँ में दाना डालते कहा :- मै तुम्हारी माँ हूँ पगली !
छोटी चिड़िया :- माँ माँ तुम मेरी माँ हो , और यह सा क्या है जो मे देखा रही हूँ ? यह क्या है ?
बड़ी चिड़िया ने कहा :- यह दुनिया है
छोटी चिड़िया : ओहो माँ क्या दुनिया इतनी बड़ी है , ऊपर नीला नीला असमा और नीचे मेरा छोटा सा घोसला
माँ : बेटा अभी तुम्हारे लिया दुनिया इतनी hi बड़ी है और देखो मस्ती मत करना!
छोटी चिड़िया : नहीं माँ मै तो छोटी हूँ मस्ती कैसे कर सकती हूँ
छोटी चिड़िया : हा हा हा हो हो हो हो ...........देखो मै ने दुनिया देख लिया................... देखो मैने दुनिया देख लिया
( फिर कुछ दिन बाद छोटी चिड़िया के छोटे छोटे पंख निकल पड़े वो अपने पख हिला कर उड़ने लगी देखो देखो मै उड़ सकती हु देखो माँ मै उड़ सकती हूँ देखो न माँ ..........
माँ : देखो जादा उड़ना नहीं क्यों की तुम्हारे पंख छोटे है और तुम जादा नहीं उड़ सकते
छोटी चिड़िया : नहीं माँ मै तो छोटी हूँ मस्ती कैसे कर सकती हूँ और मै तो बस इस पेड़ पर ही फुद् कू गी
छोटी चिड़िया :.( पेड़ की डाली पर कूदती हुई छोटी चिड़िया कहती है ) हा हा हा हो हो हो हो .......... देखो मैने दुनिया देख लिया................... देखो मैने दुनिया देख लिया
एक दिन अचानक वो खुले आकाश में उड़ने लगती है, उसके पुरे पंख खुल जाते है और तब वो खुले आकाश की ऊचाई को नापने लगती है ! और सोचती है कि मै कितनी गलत थी दुनिया तो बहुत............ बड़ी है दूर दूर तक असमा और नीचे समुन्दर मैदान और गहरी खाई
छोड़ी चिड़िया बहुत खुश होती है ! माँ तो बेकार डरती थी मै अब बड़ी हो गई हूँ मै ने दुनिया देखा ली है
तब वो इन सोचे उड़ना सुरु करती है और देखती है की नजाने क्यों चारो तरफ अजीब सा कोलहल हर चहरा परेशान डरा सा छोटी चिडया को कुछ समझ नहीं आया अपनी मस्ती में मस्त असमान की उचाई को नापती दूर उडती जाती और उडती जाती है ताहि एक आधी आती है और वो अपना रास्ता रास्ता भूल जाती है .......... रात होने को थी छोटी मासूम चिड़िया थककर वही बैठ जाती है सोचा भोरहोते फिर वापस चलेगे शयद रास्ता खोज सके .....सुबह हुई तो छोटी चिड़िया ने पंख खोले फिर घर के रास्ते को खोजने के लिया उड़ना सुरु करती है तभी achnak एक बाज की नजर छोटी चिड़िया पर पड़ती है और वो दुस्त उसे भोजन बनाने दोड़ने लगा !
चिड़िया को कुछ न सूझे वो कहा जाए क्या कर दूर दूर तक कुछ नहीं देखा रहा था माँ माँ को पुकारती अपने प्राणों को बचाने के लिया उडती जा रही थी उफ़ उसके पंख थक चुके थे और बाज उसका पीछा नहीं छोड़ रहा था अब प्राण गए तब गए
ओह चिड़िया थक कर जमीं पर गिर पड़ी और मुर्छित होगी गिर पड़ी पता नहीं चला की क्या हुआ जब उसने अखो को खोले तो देखा वो एक अजनबी के हाथ में थे जिसे न उसने कभी देखा था न जाना था पर सयद उस छोटी चिड़िया को बाज से बचने वाला था
तुम्हें पता है एक लड़की भी छोटी चिड़िया क़ि तरह होती है जो आकाश को छुना चाहती है वो खुल कर जीना चाहती है अपने सपनो पाना चाहती है लेकिन वो जब खुले आकास को नापने के लिया उडती है तो कोई ना कोई बाज उसे दबोचने के लिये उसकी तरफ बढ़ता है कोई जान बचा कर भाग लेती है तो कोई बाज के पंजो में दम तोड्देती है ..तब उसके सारे के सारे सपने बिखर जाते है .............सच तो यह है क़ि आब कोई चिड़िया ऊचा उड़ना नहीं सोचती है
क्यों क़ि हर किसी क़ि किस्मत एक जैसी नहीं होती और ना हर किसी को कोई बचने आ पाता है
पर मेरे लिये तुम वो दो हाथ हो जिसके बीच मै खुद को जीवित महसूस कररही हूँ
तुम सुन रहे हो न तुम भी वही हो मेरे लिए