किसको मिली आजादी
सच तो यह है
आज भी घरसे निकलते दिल डरता है
क्योकि आज भी हर जगह
मौत का राक्षस रहता है
भूख से आज भी
गरीबी का पेट रोता है
आज भी
नारी का दमन छल्ली होता
कहा है आजादी?
किसको मिली आजादी ?
सच तो यह है
आज भी घरसे निकलते दिल डरता है
कही भ्रस्टाचार
कही आतंकवाद
कही अराजकता
कही अज्ञानता
आज भी मजलूमों की आँखों में
लहु सा सावन आज भी बरसता है
कहा है आजादी
किसको मिली आजादी
सच तो यह है
आज भी घरसे निकलते दिल डरता है
No comments:
Post a Comment