अग्निमन
टूटा पत्ता शाख का
डूउद रही जीवन रस्ता
कंटक वन है बस मेरा पथ
जीवन एक संघर्ष
संघर्षो का साहस
लेकर निकल पड़ी मै
अब जीवन पथ पर
कैसी संध्या
कैसी प्रभात
अब दोनों हे मेरे दर्पण
हे खुदा अब तू अपने पनाह में मुझे लेले
रचना स्वानुभूति की अभिव्यक्ति है ।प्रशंसनीय ।
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2 comments:
रचना स्वानुभूति की अभिव्यक्ति है ।
प्रशंसनीय ।
रचना स्वानुभूति की अभिव्यक्ति है ।
प्रशंसनीय ।
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