हे ईश्वर मै तेरी सत्ता को नहीं जानती
मुझे नहीं पता की
आप ने मुझे इस मायावी संसार में क्यों भेजा
बार बार आप मुझे कठिन परीक्षाओ में खड़ा करते हो
इसमें भी तुम्हारा ही कोई प्रयोजन है
हे ईश्वर मै कमजोर और लाचार हूँ
मेरे अंदर अब इतना सहस कहा
आप के हर निर्णय को चुनौती दे सकू
हे ईश्वर मै जानती हूँ
मेरी माँ के गर्भ से मेरा अवतरण तुम्हारी मर्जी से हुआ है
हे ईश्वर मै या भी जानती हूँ
मै तुम्हारी सबसे प्यारी बच्ची हूँ
इसी लिये तुम मुझे बार बार
अग्नि परीक्षाओ में खड़ा करके मेरे समर्थ को मापते हो
हे ईश्वर मुझे यहाँ भी पता है
कि आप ने भी मेरे साथ अनगिनत परीक्षाओ को दिया है
हर बार जब जब मै रोई हूँ
आप ने ही मेरे ऑंसू पोछे है
हर बार आप ने ही मुझे सहारा दिया है
हे ईश्वर आप ही तो मेरे प्रभात और संध्या का लेखा रखते हो
आप ही मुझे बुराइयों से बचते है
हर बार जब जब मै अपने राह से भटकी हूँ
आपने मुझे रास्ता दिखाया है
हर बार आप ही मुझे अधरे से रोषनी की तरफ ले कर गये है
हे ईश्वर आप का तो प्रेम बिना शर्तो का है
आप तो अपने हर बच्चे को माफ करते है
प्यार से उसे गले लगते है
आज आप की इस बच्ची कोआप स्नेह की जरुरत है
हे ईश्वर मेरे दोनों हाथ खुले है
आप मुझे अपनी बहो का सहारा देदो
और मुझे अपने गले लगालो
आज बस मुझे आप का संपूर्ण प्रेम चाहीये
क्यों की आप ही जीवनभवसागर से
हमें पार निकाल सकते हो
हे ईश्वर आज मैं अपने जाने अनजाने गुनाहों के माफी माग रही हूँ
आप मुझे मेरे गुनाहों को बक्श दो
मुझे नहीं पता यह गुनाह मैंने क्यों किये
हे ईश्वर आज मै उन सब से माफी मागती हूँ
जिन्हें मैने कोई दर्द दिया मुझे पता है
आज तू मुझे माफ कर
देगा आज मै उन्हें भी माफा कर रही हूँ
जिन्हों ने मुझे दर्द दिया
जिन्हों ने मेरे अस्तित्व पर उॅंगली उठाई
उन्हें माफ करा रही हूँ
जिन्हें याद कर के मेरी ऑंखे रोती है
उन को माफ कर रही हूँ
जिन्हें याद कर के मेरी ऑंखे रोती है उन को माफ कर रही हूँ
जिन्होंने मेरे अस्तित्व पर सवालिया निशान उठया
हे ईश्वर आज मै अपने आप को तुम्हे सौपती हूँ
आज से जो भी मेरे साथ होगा वो सब तेरी मर्जी से ही होगा
आज मै आप का सुक्रिया अदा करती हूँ
आप ने मुझे अपने मेरी हिफाजत
हर मुसीबत में की
आज मै उन सबका सुक्रिया अदा करती हूँ
जिन्होंने मेरी सच्ची बात पर विश्वाश किया
आज मै उनका सुक्रिया अदाकारती हूँ
जिन्होंने हर बार तुम्हारे होने का अहशास
उन सबका सुक्रिया अदाकारती हूँ जिन्होंने मेरे आसुओ को पोछा
ओर मेरी आत्मा को मरने से रोका
आज मै अपने माँ का सुक्रिया अदाकारती हूँ
जिन्होंने मुझे जीवन दिया
आज मै अपने पिता का सुक्रिया अदा करती हूँ
जिन्होंने सच के साथ जीने की पेरणा दी
आज मै जैदी सर का सुक्रिया अदा करती हूँ जो मेरे हरा सच में मेरे साथ रहे
आज मै मनीषा का सुक्रिया अदाकारती हूँ जिसने मेरासाथ नहीं छोड़ा
आज मै गोयल सर का सुक्रिया अदा करती हूँ जिन्होंने मुझे बतया मै अच्छी आत्मा हूँ
आज मै शालनी का सुक्रिया अदा करती हूँ जिसने मेरे सब्द मुझे वापस किया और कहा हम spiritual है हा दुसरो के जैसे नहीं होसकती हम अच्छी है और अच्छी ही रहे गे आज मै उनसबका सुक्रिया अदाकारती हूँ जिन्होंने मुझा अपना समझ मुझे सुविकार किया
3 comments:
नारी की वेदना को रचना मे व्यक्त किया गया है ।
प्रारम्भ की तुलना मे अन्त की पंक्तियाँ प्रशंसनीय ।
Nice Writing !!
...Already sent invitation for Takla-Jhanki & Yuva Man blog.
Awesome
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